Sunday, September 19, 2010

जल्दी करो भाई जल्दी करो!


बादल आये उमड़ घुमड़ कर 
बरसेंगे ये गरज गरज कर 
जल्दी करो भाई जल्दी करो!

दादी बोली - जल्दी करो भाई जल्दी करो  
चावल के पापड़  भीग न जाएँ
उनको झट से उठा लो 

जल्दी  करो भाई जल्दी करो!

मम्मी बोली - जल्दी करो भाई जल्दी करो 
सूखते कपडे भीग न जाएँ
उनको झट से उठा लो 

दादा बोले - जल्दी करो भाई जल्दी करो
मेरा अख़बार भीग न जाये
उसको झट से उठा लो 

जल्दी  करो भाई जल्दी करो!

पर मैं बोला - जल्दी करो भाई जल्दी करो 
बारिश कहीं रुक न जाये
मुखे उसमें भीगने दो 
भीगने दो भाई भीगने दो
मुझको बारिश में भीगने दो !

Dear Reader, Enjoy the rain!


~ Kids - n - Youth Team

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