बादल आये उमड़ घुमड़ कर
बरसेंगे ये गरज गरज कर
जल्दी करो भाई जल्दी करो!
दादी बोली - जल्दी करो भाई जल्दी करो
चावल के पापड़ भीग न जाएँ
उनको झट से उठा लो
जल्दी करो भाई जल्दी करो!
मम्मी बोली - जल्दी करो भाई जल्दी करो
सूखते कपडे भीग न जाएँ
उनको झट से उठा लो
दादा बोले - जल्दी करो भाई जल्दी करो
मेरा अख़बार भीग न जाये
उसको झट से उठा लो
जल्दी करो भाई जल्दी करो!
पर मैं बोला - जल्दी करो भाई जल्दी करो
बारिश कहीं रुक न जाये
मुखे उसमें भीगने दो
भीगने दो भाई भीगने दो
मुझको बारिश में भीगने दो !
Dear Reader, Enjoy the rain!
~ Kids - n - Youth Team
bahut sundar kavita!
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